कुदरत का तोहफा

कुदरत का तोहफा है कितना लाजवाब।आओ बैठे सोचे,हम मिलकर जनाब।।१।। हरे हरे पेड़ों की,हरी हरी टहनियाँ।जिस पर ये करते हैं,पंछी अठखेलियां।। दे रही है सबकुछ,सबको बेहिसाब।आओ बैठे सोचे,हम मिलकर जनाब।।२।। झर झर झरता है,झरनों का पानी।नदियों की कलकल,सुनाएं सुनो कहानी।।…

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