इमरान संभलशाही जी की दस कविताएं

१) उपकार करो या सत्कार करो उपकार करो या सत्कार करोस्नेह मुहब्बत हर बार करो हो जीवन सावन जैसारहो न जग में ऐसा वैसाबारिश की फुहार बन कररिमझिम सी हर बार मरो लहर बनो प्यार के खातिरन मन में हो…

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चिलबिल का पेड़

चिलबिल के पेड़ से तो सभी वाक़िफ होंगे। मेरे घर के सामने एक चिलबिल का पेड़ है। अभी कुछ दिन पहले मार्च महीने में पूरा पेड़ हरा भरा था। हरे रंग में सारे फल खूब सुशोभित हो रहे थे लेकिन…

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