पथिक तुम सुनो

ख्वाब में आते हो,चले भी जाते होगरीबी सहते हो, गरीबी खाते हो ऐ निकलने वालों पथिक तुम सुनोबहुत रोने वालो श्रमिक तुम सुनो तेरे पेट में जो, इक दाना नहींकैसे भूख मिटे, कोई खाना नहींतेरा प्यास बुझे, कतरा पानी नहीं…

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