मुझसे अब कुछ ना पूछो- हे प्रिये

कलमकार संदीप सिंह चाहत की भावना बता रहे हैं। कभी-कभी बोलने को तो बहुत होता है किंतु शब्द ही समाप्त हो जाते हैं मेरे लफ्जो से अब तुम क्या-क्या पूछोगीमेरा हर ख्याल तुम्हारा, मेरी हर सांस तुम्हारी,मेरी आवाज तुम्हारी, मेरी…

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