लॉकडाउन की बातें

अजब है ना, ये कमाल है ना रहती हैं याद तारीखें। ना याद रहते, ठीक से दिन और वार। हर दिन ही दिल को लगे है रविवार। शांति, संयम और घर ही है स्वस्थ जीवनोपचार। ना बाहर की बातें ना…

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