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  • तुम पे लिखूँ ग़ज़ल व गीत

    तुम पे लिखूँ ग़ज़ल व गीत

    कलमकार लाल देवेन्द्र श्रीवास्तव लिखतें हैं कि अपने साथी/मीत पर तो अनेकों गजल और कविताएं लिखीं जा सकती हैं क्योंकि वह होता ही है इतना अच्छा कि उसकी हर एक बात प्रेरित करती है। तुम पे मैं लिखता हूँ ग़ज़ल व गीत, तुम हो मेरे जीवन के सच मनमीत। तुम बिन कुछ भी न अच्छा…