महँगाई

महँगाई में आम आदमी हो जाता हक्का-बक्का खुशियों में नहीं बाँट पाता मिठाई। जब होती ख़ुशी की खबर बस अपनों से कह देता तुम्हारे मुंह में घी शक्कर। दुःख के आँसू पोछने के लिए कहाँ से लाता रुमाल? तालाबंदी में…

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