कोरोना- कर्मो का फल

हो गए हैं अजनबी से अपने ही इस शहर में कौन अब किसको यहाँ जानना है चाह रहा जो कभी मिलता था हमसे स्नेह और प्यार से वही आज देखो देख कर आँख है चुरा रहा सोचने की बात है…

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