मत पूछो

प्रेम की परिभाषा अनेक हो सकती है किन्तु सार एक ही है। कलमकार पूजा कुमारी साह ने इन पंक्तियों में ऐसे प्रेम के बारे में बताया है जो अनछुआ है, मग़र सच्चा है! मीरा की तरह.... मत पूछो मैं कैसी…

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