Tag: SWARACHIT913D
-
डॉ कन्हैयालाल गुप्त ‘किशन’ जी की दस कविताएं
१. रामायण सदा शुभ आचरण करना, सिखाती रोज रामायण। हमें संमार्ग पर है चलना, बताती रोज रामायण। ये भावों से भरी तो है, ये गीतों से तो गुंज्जित, यहाँ श्रीराम का मुखड़ा, ललित सुरधाम देता है। ये पावन करती पतितों को, ये भावन लगती भक्तों को। प्रभु श्री राम की महिमा, उमड़ पड़ती है भक्तों…