डॉ कन्हैयालाल गुप्त ‘किशन’ जी की दस कविताएं

१. रामायण सदा शुभ आचरण करना, सिखाती रोज रामायण। हमें संमार्ग पर है चलना, बताती रोज रामायण। ये भावों से भरी तो है, ये गीतों से तो गुंज्जित, यहाँ श्रीराम का मुखड़ा, ललित सुरधाम देता है। ये पावन करती पतितों…

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