आदमी

डॉ. राजेश पुरोहित आज के माहौल और इंसान की आदतों को संबोधित करते हुए यह कविता लिखी हैं आइए पढ़ें। कितनी ही मुश्किलें उठाता है आदमी घर से जब जब बाहर निकलता आदमी महँगाई आसमान छू रही है खा नही…

0 Comments