अब ना आयेगा
लाकडाउन मे जो लोग विभ्भिन परिस्थितियो में मारे गये लोगों को यह कविता समर्पित। ईश्वर उनकि आत्मा को शांति प्रदान करे। अन्धेरा छट जायेगा, सूरज जब उग आयेगा! दिपक भी जल जायेगा, उस मॉ को कौन समझायेगा? जिसका लाल अब…
लाकडाउन मे जो लोग विभ्भिन परिस्थितियो में मारे गये लोगों को यह कविता समर्पित। ईश्वर उनकि आत्मा को शांति प्रदान करे। अन्धेरा छट जायेगा, सूरज जब उग आयेगा! दिपक भी जल जायेगा, उस मॉ को कौन समझायेगा? जिसका लाल अब…
अब करना है, आत्म निर्भर बनने का प्रयास।। मत बैठो उन के भरोसे, जो करते है आप का उपहास।। अब करना है, आत्म निर्भर बनने का प्रयास।। दुख सुख के साथी बनो, अपनो को ले कर साथ।। जीना है खुद…
माँ है वोतुम्हे हर गुण सिखायेगीआगे चल कर तुम्हे तम्हारी माँ ही याद आयेगीसीख लोगी गर माँ से तुम दुनीया तुम्हे कभी ना डरा पायेगीनही सूनोगी ताने तुमससुराल मे भी मुस्कुराओगीमाँ है वोतुम्हे हर गुण सिखायेगीलोक लाज कि बाते भी…
खुले गॉव को छोड करआया था शहर, करने व्यापारतंग गलियो मे सिमट गया, सपनो का संसारकाम-धन्धा सब चौपट हुआछुट गया घर बार जब से फैला है महामारी का प्रसाररातो मे अब नीद ना आती गॉव कि चिन्ता मूझे सताती कैसे…
बात है जरूरी बताना भी है जरूरीबना लो दो गज की दूरीरिस्ते है जरूरी मत बढाओ मन कि दूरीबना लो दो गज की दूरीडकोई बात हो मजबूरीनही जाना है जरूरीये जहान भी जरूरी ये जान भी जरूरीबना लो दो गज…