एक दीपक जला ऐसा भी
एक दीपक जला ऐसा भी धरा में इतिहास जिसे रखेगा याद सदा। हुआ हैं डामाडोल समस्त विश्व भारत तब भी जगमगा रहा था।। अरबों की संख्या लिए लिए दीप होगा विश्व पटल में अंकित यह। दिखी है फिर भारत की…
एक दीपक जला ऐसा भी धरा में इतिहास जिसे रखेगा याद सदा। हुआ हैं डामाडोल समस्त विश्व भारत तब भी जगमगा रहा था।। अरबों की संख्या लिए लिए दीप होगा विश्व पटल में अंकित यह। दिखी है फिर भारत की…
मैं दीया हूँ, उजाले का वंशधर , जब तक प्राण वर्तिका घोर तम से लडूँगा। मैं दीया हूँ, उम्मीद की निशानी हर नगर, हर गली निराशा को हरूँगा। मैं दीया हूँ स्वयं मौन का साथी विरक्ति में भी तुम्हारे अकेलापन…
एक सवाल कुछ यूँ पूछा पापा ने, क्यूँ मौन है आज कलम? क्या दर्द नही होता, इस शायरा को अब? कैसे बयां करूँ, अंतर्मन का युद्ध डरती हूँ कैसे संभालेगी, चार पंक्तियाँ मेरे देश का दर्द। कर हिम्मत करते हैं…
अंधकार का नाश हो सारे जग मे प्रकाश हो मिलकर ऐसा कदम बढा़यें आओ मिलकर दीप जलायें कोरोना का नाश हो निज शक्ति का अहशास हो भारत को हम विजयी बनायें आओ मिलकर दीप जलायें हिन्दू , मुस्लिम सिक्ख ,ईसाई…
चलो जलाये मिलकर दीप ज्योति अंधकार मय कोरोना को दूर भगाये हम सभी अपने देश की एकता को दुनिया को दिखलाये हम सभी पांच अप्रैल रविवार रात्रि नौ बजे कुछ नौ मिनट निकालें हम सभी इस काल मयि कोरोना वायरस…
आओ मिलकर कोरोना रूपी वायरस को भगाएँ क्युं न आज फिर एकबार मिलकर हम सभी दीया जलाएँ ॥ त्यौहारों का मौसम है फिर से हम दीवाली मनाएँ दीपों की रोशनी से आज फिर घर सजाएँ ॥ आओ मिलकर फिर दीया…
जला कर एक दीया विश्वास का, हमें मानव सभ्यता में, विजयी उद्घोष जगाना है। हम हैं भारत की संतान मिलकर कोरोना को हराना है। जलाकर दूसरा दीया प्रेम का हमें आपसी भाईचारा लाना है। धर्म से ऊपर है- मानवता। मिलकर…
यद्यपि जान प्यारी होती घर भी प्यारा होता संकट में अपनों का सानिध्य न्यारा होता भूख अभाव का असर दिखता सब में धैर्य और विश्वास साथ छोड़ दें मग में तब संकट चहुँ ओर अधिक छा जाता कोरोना जैसा दानव…
गर दीप ही जलाना है हमको तो पहले प्रेम की बाती लाएं घी डालें उसमें राष्ट्र भक्ति का आओ मिल कर दीप जलाएं। जाति पांती वर्ग भेद भुलाकर हम हर मानव को गले लगाएं राष्ट्र में स्थापित हो समरसता आओ…
आओ मिलकर हम दीप जलाएं, अन्धियारा को कहीं दूर भगाएं। खुद के अन्दर फिर राम जगाएं, फिर से हम एकता का स्वरुप दिखाएं। कोई जात नही, कोई धर्म नही, बस भारत के लोग कहलायें हम। इस विकट काल में एक…
आओ मिलकर दिया जलाएं वबा कोरोना दूर भगाएं द्वेष घृणा को निचोड़ मोड़ कर वैमनस्यता का बन्धन तोड़कर पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण सब करें, प्रार्थना हाथ जोड़कर हर घर आंगन का भूत भगाएं आओ मिलकर दिया जलाएं हम पहचानो में…
जीवन में रौशनी, उजाला बड़ा मायने रखती है, उजाला जीवंतता, सुख, समृद्धि का प्रतीक है तो अंधेरा मरण, विनाश, अनिष्ट का प्रतीक है। वेदों में कहा गया है 'तमसो मा ज्योतिर्गमय' अर्थात हे परमात्मा हमें अंधकार से प्रकाश की ओर…
अंधकार फैला इस जग में एक जुट होकर चलो दिखाएँ आओ मिलकर दिया जलाएँ ! बुझे हुए लोगों के मन में इक आशा की किरण दिखाएँ आओ मिलकर दिया जलाएँ ! राजनीति से ऊपर उठकर मन में इक विश्वास दिखाएँ…
फिर दिवाली मनाऐंगे कोरोना को भगाऐंगे जोत हर घर में जलेगा कोरोना को मात मिलेगा घर-घर प्रकाश की, किरणें होगी प्रयास करेंगे हम देशवासी मिलकर सब भारतवासी कृत संकल्प करेंगे, ज्यों हो कोई योगी ऊर्जा को बढा़ऐंगे सामाजिक दूरत्व को,…
भागती दौड़ती जिंदगी अचानक से थम गयी है एक ठहराव सा आ गया है जरूरतें नगण्य है बस कुछ कपडे दाल रोटी और एक घर एक सन्तोष सा महसूस हो रहा बीच बीच में शंखनाद के साथ माता का अभिषेक…
हर तरफ आदमी का रोना है हम पे हावी अभी कोरोना है ज़िन्दगी के सफ़ेद धागों में मोतियां सब्र की पिरोना है फ़िक्र उनकी भी कीजिए थोड़ा जिनका फुटपाथ ही बिछौना है इतने आंसू बहा दिए हम ने खुश्क आंखों…
आया-आया कोरोना आया डर-दहशत का साम्राज्य लाया आओ साथी हो जायें सजग सावधान बचायें स्वयं की परिवार-समाज की जान घरों में छिपकर बैठ जायें काम हो बहुत जरूरी तभी बाहर आयें हाथ धोएं बार-बार कई बार मलमल कोरोना से बचने…
आज समस्त विश्व को सहयोग की परमावश्यकता है लोगों के सहयोग की. इस विश्व विपदा की घड़ी में सहयोग की मानवता को बचाने में सहायक होगी. यह युद्ध अब वैश्विक हो चला है, इसके तौर तरीके बदल गये हैं. अब…
कुछ समय देश सेवा में दान करो न मन्दिरों में दान करो न मस्जिदों में दान करो न चर्च में दान करो न गुरुद्वारे में दान करो । अगर दान ही करना है तो कुछ सप्ताह का समय अपने घरों में रहकर वो समय देश सेवा में दान करो। कोरोना को हराने में सामाजिक…
सूझबूझ से लड़ना होगा हमें मिलकर इस बिमारी से लाॅकडाऊन में बिना किसी कारण से बाहर न निकलें चारदीवारी से वैश्विक पटल पर भंयकर छाया है "कोरोना" का कोहराम सभी से विनती है घर पर ही करना होगा आराम न…