Tag: कोरोना वायरस
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एक दीपक जला ऐसा भी
एक दीपक जला ऐसा भी धरा में इतिहास जिसे रखेगा याद सदा। हुआ हैं डामाडोल समस्त विश्व भारत तब भी जगमगा रहा था।। अरबों की संख्या लिए लिए दीप होगा विश्व पटल में अंकित यह। दिखी है फिर भारत की एकता चहुं ओर संकट के बादल छाए।। भारत में एक साथ जो जल गया अस्त्र…
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मैं दीया हूँ
मैं दीया हूँ, उजाले का वंशधर , जब तक प्राण वर्तिका घोर तम से लडूँगा। मैं दीया हूँ, उम्मीद की निशानी हर नगर, हर गली निराशा को हरूँगा। मैं दीया हूँ स्वयं मौन का साथी विरक्ति में भी तुम्हारे अकेलापन को भरूँगा। मैं दीया हूँ सत्य पथ का पथिक स्वयं को जलाकर मार्ग रोशन करूँगा।…
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उम्मीद का दीया
एक सवाल कुछ यूँ पूछा पापा ने, क्यूँ मौन है आज कलम? क्या दर्द नही होता, इस शायरा को अब? कैसे बयां करूँ, अंतर्मन का युद्ध डरती हूँ कैसे संभालेगी, चार पंक्तियाँ मेरे देश का दर्द। कर हिम्मत करते हैं हाल-ए-दिल बयां, कि मौन रहना मेरी कलम ने सीखा कहाँ!! शहर के शहर खड़े हैं…
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आओ दीप जलाए
अंधकार का नाश हो सारे जग मे प्रकाश हो मिलकर ऐसा कदम बढा़यें आओ मिलकर दीप जलायें कोरोना का नाश हो निज शक्ति का अहशास हो भारत को हम विजयी बनायें आओ मिलकर दीप जलायें हिन्दू , मुस्लिम सिक्ख ,ईसाई आपस मे सब भाई भाई निज एकता का अहशास करायें आओ मिलकर दीप जलायें ~…
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आओ दीया जलाएँ
आओ मिलकर कोरोना रूपी वायरस को भगाएँ क्युं न आज फिर एकबार मिलकर हम सभी दीया जलाएँ ॥ त्यौहारों का मौसम है फिर से हम दीवाली मनाएँ दीपों की रोशनी से आज फिर घर सजाएँ ॥ आओ मिलकर फिर दीया जलाएँ …. साथ मिलकर मानवता का पाठ सिखाएँ हिन्दू , मुस्लिम , सिक्ख , ईसाई…
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नव संकल्प… एक दीया
जला कर एक दीया विश्वास का, हमें मानव सभ्यता में, विजयी उद्घोष जगाना है। हम हैं भारत की संतान मिलकर कोरोना को हराना है। जलाकर दूसरा दीया प्रेम का हमें आपसी भाईचारा लाना है। धर्म से ऊपर है- मानवता। मिलकर कोरोना को हराना है। जलाकर तीसरा दीया देश हित में लगे, असंख्य जनों के प्रति,…
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देश बचा पायेंगे
यद्यपि जान प्यारी होती घर भी प्यारा होता संकट में अपनों का सानिध्य न्यारा होता भूख अभाव का असर दिखता सब में धैर्य और विश्वास साथ छोड़ दें मग में तब संकट चहुँ ओर अधिक छा जाता कोरोना जैसा दानव शक्ति अधिक पा जाता कुछ समझें हम भी कुछ समझे प्रशासन वो करें व्यवस्था और…
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हम दीप जलाएं
गर दीप ही जलाना है हमको तो पहले प्रेम की बाती लाएं घी डालें उसमें राष्ट्र भक्ति का आओ मिल कर दीप जलाएं। जाति पांती वर्ग भेद भुलाकर हम हर मानव को गले लगाएं राष्ट्र में स्थापित हो समरसता आओ मिल कर दीप जलाएं। भुलाकर नफ़रत को अब हम दया, प्रेम और सौहार्द बढ़ाएं हो…
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आओ हम दीप जलाएं
आओ मिलकर हम दीप जलाएं, अन्धियारा को कहीं दूर भगाएं। खुद के अन्दर फिर राम जगाएं, फिर से हम एकता का स्वरुप दिखाएं। कोई जात नही, कोई धर्म नही, बस भारत के लोग कहलायें हम। इस विकट काल में एक होकर, इस कोरोना को मार भगायें हम। सब जाने कोरोना एक महामारी है, घर में…
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आओ मिलकर हम दीप जलाएं
आओ मिलकर दिया जलाएं वबा कोरोना दूर भगाएं द्वेष घृणा को निचोड़ मोड़ कर वैमनस्यता का बन्धन तोड़कर पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण सब करें, प्रार्थना हाथ जोड़कर हर घर आंगन का भूत भगाएं आओ मिलकर दिया जलाएं हम पहचानो में पहचान है भाई हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई रक्त लाल है, हर एक नसों में प्रण…
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उजाला
जीवन में रौशनी, उजाला बड़ा मायने रखती है, उजाला जीवंतता, सुख, समृद्धि का प्रतीक है तो अंधेरा मरण, विनाश, अनिष्ट का प्रतीक है। वेदों में कहा गया है ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात हे परमात्मा हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो। आज, अभी ही क्यों यह सनातन से चला आ रहा है, हम पूरब…
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आओ मिलकर दिया जलाएँ
अंधकार फैला इस जग में एक जुट होकर चलो दिखाएँ आओ मिलकर दिया जलाएँ ! बुझे हुए लोगों के मन में इक आशा की किरण दिखाएँ आओ मिलकर दिया जलाएँ ! राजनीति से ऊपर उठकर मन में इक विश्वास दिखाएँ आओ मिलकर दिया जलाएँ ! द्वेष भाव ईर्ष्या को त्यागकर दूर-दूर सकारात्मकता फैलाएँ आओ मिलकर…
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आओ जोत जलाएं
फिर दिवाली मनाऐंगे कोरोना को भगाऐंगे जोत हर घर में जलेगा कोरोना को मात मिलेगा घर-घर प्रकाश की, किरणें होगी प्रयास करेंगे हम देशवासी मिलकर सब भारतवासी कृत संकल्प करेंगे, ज्यों हो कोई योगी ऊर्जा को बढा़ऐंगे सामाजिक दूरत्व को, निभाऐंगे। संकल्प, नारा सबका एक होगा कोरोना को भी, खौफ होगा जलाऐंगे दिया संग बाती…
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लॉकडाउन और ज़िंदगी
भागती दौड़ती जिंदगी अचानक से थम गयी है एक ठहराव सा आ गया है जरूरतें नगण्य है बस कुछ कपडे दाल रोटी और एक घर एक सन्तोष सा महसूस हो रहा बीच बीच में शंखनाद के साथ माता का अभिषेक एकअजीब सा सुकून दे रहा बरसों बाद एक सात्विक जीवन सब जी रहे हैं अपनो…
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करोना और हालात
हर तरफ आदमी का रोना है हम पे हावी अभी कोरोना है ज़िन्दगी के सफ़ेद धागों में मोतियां सब्र की पिरोना है फ़िक्र उनकी भी कीजिए थोड़ा जिनका फुटपाथ ही बिछौना है इतने आंसू बहा दिए हम ने खुश्क आंखों का कोना कोना है। लोग खामोश और सड़क सुनसान हाए मंज़र बड़ा डरोना है क्या…
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कोरोना आया
आया-आया कोरोना आया डर-दहशत का साम्राज्य लाया आओ साथी हो जायें सजग सावधान बचायें स्वयं की परिवार-समाज की जान घरों में छिपकर बैठ जायें काम हो बहुत जरूरी तभी बाहर आयें हाथ धोएं बार-बार कई बार मलमल कोरोना से बचने का ध्यान रखें पल-पल मास्क लगायें, एक मीटर की दूरी बनाये हर जन सेनेटाइजर का…
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दान करो
कुछ समय देश सेवा में दान करो न मन्दिरों में दान करो न मस्जिदों में दान करो न चर्च में दान करो न गुरुद्वारे में दान करो । अगर दान ही करना है तो कुछ सप्ताह का समय अपने घरों में रहकर वो समय देश सेवा में दान करो। कोरोना को हराने में सामाजिक दूरी बनाने में डॉक्टर और पुलिस-प्रशासन को न परेशान करने में अपना समय उनके लिए…
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कोरोना के खिलाफ़ सहयोग
सूझबूझ से लड़ना होगा हमें मिलकर इस बिमारी से लाॅकडाऊन में बिना किसी कारण से बाहर न निकलें चारदीवारी से वैश्विक पटल पर भंयकर छाया है “कोरोना” का कोहराम सभी से विनती है घर पर ही करना होगा आराम न दिन है इसका न है इसकी कोई शाम सजग रहें, लापरवाही न बरतें कोई इंसान…