आजादी की हवा

और कब तक कैद रहेंगे हम? आज अहसास हो रहा है, पिंजरों में बंद पंछियों का मर्म, महसूस करते हो उनकी छटपटाहट? अब करो, कैद होने का दर्द क्या होता है, जानों सच ही कहा है किसी ने, जा तन…

0 Comments