बिन गाये भी गाया तुमको

आपने भी उस वक़्त का एहसास किया होगा जब मन को ढेर सारी खुशी प्रतीत होतीं हैं और हम मन ही मन गुनगुना उठते हैं। कलमकार विनीत पाण्डेय लिखतें बिन - गाये भी गाया तुमको। बिन गाये भी गाया तुमको…

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